DAP Urea New Rate:- हैलो दोस्तों! आज मैं DAP यूरिया नई दर के बारे में बताने जा रहा हूं। DAP का पूरा नाम डायमोनियम फॉस्फेट है और यूरिया एक नाइट्रोजन वाला खाद है। ये दोनों खादें हमारे किसानों के लिए बहुत जरूरी हैं। फसलें अच्छी उगाने के लिए मिट्टी को पोषण चाहिए, और ये खादें वो काम करती हैं। लेकिन इनकी कीमतें बदलती रहती हैं। अभी सितंबर 2025 में नई दरें क्या हैं, वो मैं सरल शब्दों में समझाऊंगा।
यूरिया की नई दर क्या है
यूरिया भारत सरकार द्वारा नियंत्रित है। इसका अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) अभी भी वही है जो पहले था। एक 50 किलो की बोरी यूरिया की कीमत 268 रुपये है। 45 किलो की बोरी के लिए 242 रुपये। इसमें डीलर का मार्जिन और रिटेलर को इंसेंटिव शामिल है। सरकार सब्सिडी देती है ताकि किसान सस्ते में खरीद सकें। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूरिया की कीमत सितंबर 2025 में लगभग 397.50 डॉलर प्रति टन है, जो भारत के किसानों को प्रभावित नहीं करती क्योंकि यहां फिक्स्ड रेट है। लेकिन ग्लोबल ट्रेंड्स से पता चलता है कि कीमतें बढ़ रही हैं, जैसे कि 2025 में 15% की बढ़ोतरी की उम्मीद थी।
DAP Urea New Rate क्या है
DAP की कीमतें थोड़ी अलग हैं क्योंकि ये डिकंट्रोल्ड है, लेकिन सरकार स्पेशल सब्सिडी देती है। जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक, DAP पर प्रति टन 3,500 रुपये की स्पेशल सब्सिडी बढ़ा दी गई है। इससे किसानों को MRP लगभग 1,350 रुपये प्रति 50 किलो बोरी मिल रही है। लेकिन ग्लोबल मार्केट में DAP की रिटेल प्राइस सितंबर 2025 की पहली हफ्ते में 860 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो पिछले महीने से 5% ज्यादा है और पिछले साल से 16% ज्यादा। भारत में NBS (न्यूट्रींट बेस्ड सब्सिडी) के तहत फॉस्फोरस और नाइट्रोजन पर सब्सिडी मिलती है, जो कीमतें स्थिर रखती है। स्टॉक भी चिंता का विषय है – मार्च 2025 तक DAP का स्टॉक 13 लाख टन था, जो आयात पर निर्भर है।
क्यों बदल रही हैं DAP Urea New Rate
DAP यूरिया नई दर में बदलाव के पीछे कई कारण हैं। पहला, ग्लोबल डिमांड बढ़ रही है। दूसरा, चीन जैसे देशों ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाई है, जिससे सप्लाई कम हो गई। तीसरा, ऊर्जा कीमतें और जियोपॉलिटिकल टेंशन जैसे रूस-यूक्रेन मुद्दे प्रभाव डाल रहे हैं। भारत में सरकार ने न्यू यूरिया पॉलिसी 2015 को एक्सटेंड किया है, जो एनर्जी एफिशिएंसी पर फोकस करती है। 2025 में यूरिया प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए नई यूनिट्स शुरू हो रही हैं। DAP के लिए स्पेशल पैकेज से किसानों को राहत मिलेगी, लेकिन रुकी डेप्रिशिएशन से चुनौतियां हैं।
इन खादों के फायदे और इस्तेमाल
यूरिया नाइट्रोजन देती है, जो पौधों की हरी पत्तियां बढ़ाती है। DAP नाइट्रोजन और फॉस्फोरस दोनों देती है, जो जड़ें मजबूत बनाती है और फल अच्छे आते हैं। गेहूं, चावल, दालों जैसी फसलों में इन्हें खेत में डालते हैं। लेकिन ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो सकती है, इसलिए बैलेंस्ड यूज करें। सरकार DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से सब्सिडी सीधे किसान के अकाउंट में डालती है।
सरकार की मदद और सलाह
भारत सरकार किसानों की मदद के लिए बहुत कुछ कर रही है। 2025 में DAP सब्सिडी एक्सटेंड की गई ताकि कीमतें कंट्रोल में रहें। यूरिया के लिए न्यूट्रेंट बेस्ड सब्सिडी स्कीम है। किसानों को सलाह है कि PoS (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन से ही खरीदें ताकि सही सब्सिडी मिले। अगर कीमतें बढ़ें तो लोकल एग्रीकल्चर ऑफिसर से बात करें।